राजस्थान के प्रमुख महल || NCERT पर आधारित नोट्स

Bhagat Education
2

राजस्थान के प्रमुख महल (Rajasthan History, Heritage, and Beauty)

major-places-of-rajasthan-complete-notes-image


राजस्थान भारत का राज्य है जो अपनी संस्कृति, परंपराओं और ऐतिहासिक महलों के लिए जाना जाता है। इस राज्य में कई ऐतिहासिक महल हैं, जो सभी अपनी अद्भुत विशेषताओं के लिए जाने जाते हैं। नीचे राजस्थान के प्रमुख महलों व इनकी विशेषताओं के बारे में विस्तार से बताया गया है।

1. खेतड़ी महल - झुंझुनू

  1. इसका निर्माण भोपाल सिंह ने 1760 में ग्रीश्म ऋतु में करवाया। 
  2. इसे राजस्थान का दूसरा हवामहल तथा शेखावाटी का हवामहल कहा जाता है। 
  3. जयपुर के हवामहल की झलक देखने को मिलती है।

2. रेशमा महल सीकर

  1. रेशमा महल सीकर राजस्थान के शेखावाटी क्षेत्र में स्थित है। 
  2. यह एक ऐतिहासिक महल है जो महाराजा बक्तावर सिंह द्वारा बनवाया गया था। 
  3. महल का नाम उस स्थान से प्राप्त हुआ है जहां से यूरोप से आया रेशम रूपी सूती ढेर से सूती कपड़े बनाए जाते थे।

रेशमा महल को तीन महलों में बाँटा गया है - 

  1. पूर्वी महल, पश्चिमी महल और रत्न महल। 
  2. पूर्वी महल और पश्चिमी महल में महल के बनावटी तत्वों और उनके विस्तृत आकार के कारण आकर्षक दिखते हैं। रत्न महल एक खास महल है जिसमें उदयपुर के राजा के लिए तैयार किए गए थे

3. हवामहल जयपुर- 1799 ई. में 

  1. जयपुर में 5 मंजिला हवामहल का निर्माण करवाया। 
  2. इसकी 5 मंजिलों का नाम क्रमश : भारत मंदिर, रत्न मंदिर, विचित्र मंदिर, प्रकाश मंदिर व हवा मंदिर 88 फीट ऊँचा इसमें 953 खिड़कियाँ व 365 जाली झरोखे है
  3. इसे राजस्थान का एयर पोर्ट व जयुपर का हृदय भी कहा जाता है। 
  4. यह महल राधा-कृष्ण को समर्पित है। हवामहल का वास्तुकार उस्ताद लालचन्द्र है। 
  5. इसका निर्माण बलुआ पत्थर व चूने से किया गया। 
  6. एडविन आर्नोल्ड ने लिखा कि अलादीन का जिन भी इससे अधिक सुन्दर महल का सजून नहीं कर सकता । 

4.जलमहल जयपुर- मानसागर झील निर्माण सवाई जयसिंह ने । 

  1. जयसिंह ने जयपुर की जलापूर्ति के लिए गर्भावती नदी पर बाँध बनवाकर मानसागर तालाब बनवाया ।

5. सिटी पैलेस / चन्द्रमहल (राजमहल) जयसिंह। 

  1. वास्तुकार सवाई जयपुर- निर्माण विद्याधर चक्रवती । 
  2. इसकी 7 मंजिलों के नाम क्रमः चन्द्रमहल, सुखनिवास, रंग मंदिर, भोभा निवास, छवि निवास, श्रीनिवास व मुकुट मंदिर दो बड़े चाँदी के पात्र ये 345-345 किग्रा. के। 
  3. सिटी पैलेस परिसर में स्थित सर्वतोभद्रमहल को दीवने खास भी कहा जाता है। इसे आम लोग सरबता भी कहते है।

6.आमेर महल जयपर- निर्माण मानसिंह प्रथम ने 1592 में 

  1. ये हिन्दू-मुस्लिम भौली के समन्वित रूप है। 
  2. मिर्जा राजा जयसिह ने 1639 में गणेश पोल का निर्माण करवाया फर्ग्यूसन के अनुसार गणेशपाल दरवाजा स्थापत्य एंव चित्रकला के लिए विश्व प्रसिद्ध है। 
  3. पंचमहला बैराठ (अलवर)- 5 मंजिला महल का निर्माण मानसिंह ने निर्माण अकबर के लिए। 

7. एक जैसे 9 महल - नाहरगढ़ दुर्ग (जयपुर)- 

  1. सवाई माधोसिंह द्वितीय ने विक्टोरिया भौली के इन महलो का नाम चांद, सूरज, लक्ष्मी, ललित, आनंद, बंसत, फूल, जवाहर, खुशहाल प्रकाश सभी के नाम के पीछे प्रकाश

8. मुबारक महल जयपुर- 

  1. सिटी पैलेस में स्थित वैलकम पैलेस का निर्माण सवाई माधोसिंह द्वितीय ने 1900 ई. में सर सटीवन जैकब के निर्देशन में रियासत के अतिथि के ठहरने हेतु करवाया। वर्तमान में शाही पुस्तकालय संचालित है।

10. तख्तेशाही महल मोती डूंगरी (जयपुर) 

  1. निर्माण माधोसिंह प्रथम ने । 

11. सामोद महल - सामोद (जयपुर)- 

  1. निर्माण राजा बिहारी दास ने 

12. सिसोदिया रानी का महल जयपुर 

  1. इसका निर्माण 1730 में जयसिंह द्वितीय की महारानी सिसोदिया रानी ने करवाया।

13. प्रीतम निवास 

  1. चंन्द्र महल के दक्षिण में स्थित निर्माण प्रतापसिंह

14. शीश महल आमेर दुर्ग (जयपुर) - 

  1. मिर्जा राजा जयसिंह ने द्वारा निर्मित जस मंदिर की दीवारों व छतों पर जामिया कांच के उत्तल टूकडों से सजावट की गयी इस कारण भीशमहल महाकवि बिहारी ने इसे दर्पण - ए- धाम कहा

15. दीवान-ए-खास - 

  1. निर्माण - मिर्जा राजा जयसिंह - 

16. दीवान-ए-आम - जयपुर - 

  1. निर्माण - मिर्जा राजा जयसिंह

17. कदमी महल ।

  1. कदमी महल भी राजस्थान के शेखावाटी क्षेत्र में स्थित है। 
  2. यह महल महाराजा भवानी सिंह द्वारा बनवाया गया था। 
  3. कदमी महल अपने विस्तृत स्थान, सुंदर दरवाजे और उनमें संवेदनशील नक्शों के लिए जाना जाता है।

18. लिलीपुल मंदिर, लालकोठी, यामहल, सुख मंदिर - जयपुर

19. लक्ष्मीविलास महल जयगढ़ दुर्ग (जयपुर)

  1. लक्ष्मीविलास महल एक विशाल भवन है जो एक विस्तृत स्थान पर फैला हुआ है। 
  2. यह महल राजस्थान की स्थापत्य कला का एक शानदार नमूना है। 
  3. इस महल में बहुत से कमरे हैं जो अलग-अलग रंगों, शैलियों और सजावटों से सुसज्जित हैं।

20. सिलीसेढ़ महल अलवर - महाराजा विनयसिंह ने 1844 ई. में 

  1. 6 मंजिला महल सिलीसेढ के किनारे अपनी रानी शीला के लिए।

21. विजयविलास महल अलवर - 1918 में 

  1. जयसिंह द्वारा निर्मित 

22. हवा बंगला अलवर- 

  1. विनय सिंह द्वारा

23. सरिस्का महल अलवर - 

  1. यह महाराजा जयसिंह ने इग्लैण्ड के राजकुमार ड्यूक ऑफ एडिनबर्ग की यात्रा हेतु 1902 में ।

24. विनयविलास महल

  1. अलवर- निर्माता
  2. सर्वाधिक गणिकाओं (वेश्याओं) के चित्र ।
  3. राजा विनय सिंह

25. सुनहरी कोठी टोंक- 

रत्न, कॉच व सोने की झाल देकर बनायी गई इस कोठी का पूर्व नाम जरनिगार था । इसका निर्माण 1824 में नवाब वजी-उद्-दौला ने इसकी दूसरी मंजिल का निर्माण 1870 में नवाब इब्राहिम अली ने

26. मुबारक महल टोंक- हिन्दु-मुस्लिम भौली का सम्मलित रूप । 

  1. इसमें ईद पर ऊँट की बली दी जाती थी।

27. बनेड़ा महल - भीलवाडा

28. रूठी रानी का महल मांडलगढ़ (भीलवाड़ा)

29. बदनौर महल भीलवाड़ा

30. रूठी रानी का महल - आनासागर झील (अजमेर) - 

  1. आनासागर झील के तट पर यह महल जहांगीर की रूठी रानी नूरजहां का है।

31. मान महल पुष्कर (अजमेर)- 

  1. जहांगीर द्वारा ।

32. जहांगीर महल पुश्कर (अजमेर) 

33. चश्मा -ए-नूर - अजमेर- जहाँगीर द्वारा निर्मित

34. हरसुखविलास - करौली निर्माण हरवक्षपाल ने ।

35. दिपोड़ी महल • धौलपुर -

36. खानपुर महल धौलपुर- भााहजहाँ का आरामगाह । 

37. किशोरी महल भरतपुर दुर्ग

39. चील महल कांमा (भरतपुर) 

40. सावन-भादो महल - डीग (भरतपुर)

41. डीग के महल डीग (भरतपुर)- 

  1. डीगमहल का निर्माण 1725 में राजा बदन सिंह। 
  2. इनका निर्माण सूरजमल ने सूरजमल ने करवाया। 
  3. डीग जलमहलों की नगरी भी कहा जाता है। 
  4. गोपाल महल, किशन भवन, केशव भवन, सूरजभवन व सावनभादों प्रमुख है। गोपाल महल का निर्माण बलुआ पत्थर से

42. जोगी महल- रणथम्भौर - 

  1. इसका निर्माण ऋशि के कहने पर तथा कालान्तर में यहाँ साधुओं के डेरे लगते थे इस कारण जोगी महल।

43. हम्मीर महल - रणथम्भौर

44. पुश्पक महल- 

  1. रणथम्भौर- 3 मंजिला महल का निर्माण हम्मीर ने
  2. मालवा विजय के उपलक्ष में।

45. सुपारी महल- 

रणथम्भौर इसमें हिन्दु, मुस्लिम व ईसाई संस्कृति के समन्वय का अच्छा उदाहरण प्रस्तुत करता है। 

46. बादल महल रणथम्भौर 

  1. नृत्य व आमोद-प्रमोद में काम आता था

47. जौरा - भौरा महल - 

  1. रणथम्भौर अनाज रखने के गोदाम । 

48. कोटा का हवामहल कोटा- 

  1. निर्माण रामसिंह द्वितीय ने करवाया।

 49. अबली मीणी का महल कोटा-

  1.  मुकुन्द सिंह ने अपनी पासवान
  2. अबली मीणी हेतु करवाय। कर्नल टॉड ने इसे राजस्थान का
  3. दूसरा (छोटा) ताजमहल / हाड़ौती का ताजमहल कहा । 

50. अभेड़ा महल कोटा- 

  1. चम्बल नदी के किनारे स्थित इस महल का निर्माण अभयसिंह ने करवाया। 
  2. इसे हाड़ौती का हवामहल कहा जाता है।

51. जगमंदिर महल कोटा- 

  1. किशोर तालाब के मध्य स्थित इस महल का निर्माण दुर्जनशाला हाड़ा की रानी बृजकंवर ने 1239 में 
  2. यह उदयपुर के जगमंदिर पैलसे की तर्ज पर बनवाया गया था।

52. जगमोहन महल व गुलाब महल 

53. सुखमहल बूंदी जैतसागर झील के किनारे 1773 ई. में 

  1. महाराव विष्णुसिंह ने करवाया। 

54. रंग महल बूंदी- 

  1. यह महल अपने भिति चित्रों के लिए विव प्रसिद्ध । 
  2. इसका निर्माण महाराव छत्रशाल ने करवाया।

55. उम्मेद महल बूंदी यह महल 1749 ई. में 

  1. बूंदी के राव उम्मेद सिंह द्वारा बनवाया गया।

56. छत्र महल, अनिरूद्ध महल, बादल महल बूंदी

57. काष्ठ का रैन बसेरा महल - झालावाड़- 

  1. किशनसागर झील के किनारे बूंदी लकड़ी से बना । 
  2. देहरादून बन भोध संस्थान द्वारा निर्मित रैनबसेरा झालावाड के राजा राजेन्द्रसिंह 1936 में लखनऊ की प्रदशर्नी से खरीदकर लाये ।

58. गौरा बादल महल, पदमनी महल बनवीर महल, कुम्भा महल, फतेहप्रकाश - चितौड़गढ दुर्ग 

59. खातण का महल - 

  1. चितौड़ महाराणा क्षेत्रसिंह की पासवान

69. हाड़ी रानी का महल सलूम्बर (उदयपुर)- 

  1. हाड़ी रानी सहल कंवर

61.झालीरानी का महल कुम्भलगढ़ दुर्ग (राजसमंद) - 

  1. यह की राजकुमारी थी जिसे कुंभा जबरन विवाह कर लाये थे।

62. जगमंदिर महल पिछोला झील (उदयपुर)- 

  1. कर्ण सिंह द्वारा भारू व पुत्र जगतसिंह प्रथम ने 1651 ई. में पूर्ण करवाया। 
  2. भााहजहाँ ने इसी के गुलमहल में भारण ली।

63. जगनिवास महल पिछोला झील (उदयपुर)- 

  1. इसे लेक पैलेस भी कहा जाता है। 
  2. इसका निर्माण जगतसिंह द्वितीय ने यहाँ स्थित धोला महल दर्शनीय है ।

64. सज्जनगढ़ पैलेस उदयपुर- 

  1. बॉसदरा पहाडी पर स्थित इस महल का निर्माण सज्जनसिंह ने । 
  2. यहाँ स्थित उद्यान अपने गुलाब के आकार के कारण प्रसिद्ध इस कारण इस उद्यान को गुलाब बाड़ी भी कहते है। 
  3. इसे उदयपुर का मुकुटमणि, वाणी विलास व मानसून पैलेस भी कहा जाता।

65. सिटी पैलेस / राजमहल उदयपुर 

  1. इनका निर्माण उदयसिंह ने । 
  2. इसमें स्थित प्रमुख महल कृश्णा विलास महल, दिलखुश महल, राजआँगन महल, मोती महल, मानक महल, भीम विलास, बादल महल इत्यादि। 
  3. इन्हें फर्ग्यूसन ने विण्डसर महल की संज्ञा दी।

66. खुश महल उदयपुर- 

  1. यह महाराणा सज्जनसिंह द्वारा 1874 ई. में बनवाया गया।

67. देवीगढ़ पैलेस उदयपुर- 1760 में 

  1. रघुदेव द्वारा निर्मित | 

68. एक थम्बिया महल - डूंगरपुर- 

  1. गैब सागर झील के किनारे स्थित यह महल वागड़ की वास्तुकला का सर्वश्रेश्ठ उदाहरण। 
  2. इसका निर्माण महारावल शिव सिंह ने अपनी माता ज्ञानकुवंर की स्मृति में शिवज्ञानेश्वर शिववालय के रूप में कालान्तर में यही शिवालय एक धम्बिया महल ।

69, जूना महल डूंगरपुर- राजा वीर सिंह द्वारा निर्मित। 

  1. यह 7 मंजिला है जो आकर्शक भित्ति चित्रों व भीशे के कार्यों से अलंकृत ।

70. बादल महल- 

  1. वीरसिंह ने गैब सागर पर। 

71. उदयविलास पैलेस डूंगरपूर - 

  1. गैब सागर के किनारे महारावल उदयसिंह ने करवाया

72. सर्वोतम विलास जैसलमेर - 

  1. अखैसिंह द्वारा निर्मित

73. बादल विलास महल जैसलमेर- 

  1. इस 5 मंजिला महल का निर्माण - 1884 में मुस्लिम सिलावटों द्वारा किया गया जिसे उन्होंने तत्कालीन महारावल बैरीसाल सिंह को भेंट किया। 
  2. इस महल में ताजिया टावर दनीय है।

74. जवाहर महल जैसलमेर- 

  1. निर्माण महारावल भाालिवाहन ने 1899-1900 में करवाया। 
  2. इसका डिजाइन सर विन्सटन स्मिथ ने तैयार किया। इसे ईसाल बंगला भी कहा जाता है।

75. मूमल महल- जैसलमेर

76. रंगमहल व मोती महल- जैसलमेर 

  1. यह जैसलमेर शासक मूलराज द्वारा बनवाया गया। 
  2. यह महल भव्य जालियों, झरोखो व पुश्प लताओं सुन्दर अलंकरण के लिए प्रसिद्ध है।

77. बुलानी महल - जोधपुर - 

  1. निर्माता जसवंतसिंह

78. चोकेलाव व तख्तमहल - जोधपुर

79. उम्मेद पैलेस / भवन जोधपुर- 

  1. अकाल राहत कार्यों के लिए 1928 में उम्मेद सिंह ने । 
  2. यहाँ घड़ियों का एक म्यूजियम भी यह छीतर पहाड़ी पर स्थित होने के कारण छितर पैलेस भी। यह भारत - औपनिवेशक स्थापत्य भौली और डेको-कला का एक आदर्श नमूना। 
  3. इसके वास्तुकार हेनरी वॉन व भारतीय सहयोगी बुद्धमल ।

80. जसवंत थड़ा जोधपुर- 

  1. जसवन्त सिंह द्वितीय की स्मृति में सरदास सिंह ने 1906 में करवाया। 
  2. सफेद पत्थर ने निर्मित इसे राजस्थान / मारवाड का ताजमहल भी कहा जाता है।

81. एक थम्बा महल मण्डोर (जोधपुर)- निर्माण अजीतसिंह। 

  1. इसे प्रहरी मीनार कहा जाता । 
  2. बलुआ व लाल पत्थर से निर्मित 3 मंजिला महल ।

82. राईका बाग पैलेस - जोधपुर 

  1. निर्माण जसवन्त सिंह प्रथम की हाड़ी रानी ने दयानन्द सरस्वती ने 1883 ई. में 
  2. इन महलों में जसवन्तसिंह द्वितीय को उपदेश दिया।

83. बीजोलाई महल -जोधपुर- 

  1. कायलाना की पहाड़ी पर तख्तसिंह द्वारा निर्मित |

84. मोती महल मेहरानगढ़ दुर्ग, जोधपुर

85. फूल महल मेहरानगढ़ दुर्ग (जोधपुर)- 

  1. इसका निर्माण महाराजा अभयसिंह ने करवाया। 
  2. यह पत्थर पर बारीक काम के लिए प्रसिद्ध है।

86. अजीत भवन - जोधपुर- 

  1. देश का पहला हेरिटेज। 
  2. 1980 में इसे हैरिटेज होटल का दर्जा

87. केसर निवास व स्वरूप निवास- सिरोही।

88. लाल महल (गढ़) - बीकानेर- 

  1. इसका निर्माण बलुआ पत्थर से गंगा सिंह ने अपने पिता लालसिंह की स्मृति में यूरोपियन भौली परआधारित ।

89. पद्म महल जूनागढ़, बीकानेर

90. गजनेर महल बीकानेर- 

  1. राजा गजसिंह ने अकाल राहत कार्यों के तहत । इसे तीतर महल कहा जाता है

91. अनुप महल 

  1. अनूप सिंह द्वारा निर्मित इस महल में सोने की कलम से - काम किया गया है। 
  2. यहाँ बीकानेर के राजाओं का राजतिलक होता था। 
  3. इसमें रखा हिंडोला कला की दृष्टि से उत्कृष्ट है।

Post a Comment

2Comments

Post a Comment