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राजस्थान की प्रसिद्ध छतरियां ( Rajasthan ki Parmukh Chhatriyan) || NCERT पर आधारित सम्पूर्ण नोट्स


राजस्थान की प्रसिद्ध छतरियाँ

छतरी खंभो की स्थान
1 खंभो की छतरी सवाई माधोपुर
खंभो की छतरी लालसोट (दौसा), बंजारा
8 खंभो की छतरी बाड़ोली (प्रताप)
12 खंभो की छतरी कुंभलगढ़ दुर्ग (पृथ्वीराज)
16 खंभो की छतरी नागौर (अमरसिंह)
20 खंभो की छतरी मण्डोर (जोधपुर)
32 खंभो की छतरी रणथम्भौर (जेतसिह)
80 खंभो की छतरी अलवर (मूसी महारानी)
84 खंभो की छतरी बूंदी (छत्रशाल)
आंतेड़ की छतरी अजमेर
रसिया की छतरी टोंक
बोहरा की छतरी कैलादेवी
देवकुण्ड की छतरी बिकानेर
झूलती की छतरी गागरोन
बडाबाग व पालिवाल की छतरी जैसलमेर
क्षारबाग व केसर बाग की छतरी बूंदी-कोटा
बख्तावर की छतरी अलवर
पद्मापीर की छतरी कोटा

1. मूसी रानी की 80 खम्बों की छतरी

राजा बख्तावर की पासवान रानी थी जिसकी 2 मंजिला छतरी का निर्माण 1815 में विजनसिंह ने करवाया।

2. 84 खम्बों की छतरी

बूंदी के अनिरूद्ध सिंह ने धाबाई देवा की स्मृति में 1683 में करवाया। इस छतरी के खम्भों पर कामसूत्र के 84 आसनों को दर्शाया गया है।

3. टहला की छतरी

मध्यकालीन छतरी निर्माण व भित्ति चित्रकला की जीती-जागती प्रतिमाएं।

4. जयपुर की छतरियाँ

गैटोर (आमेर), सेठो की (रामगढ), महारानीयों की, भारमल की छतरी, ईश्वरसिंह की (सिटी पैलेस)

5. खांगारोत शासकों की छतरी

नरायणा, जयपुर

6. 32 खम्भों की छतरी

माण्डल, भिलवाड़ा। जगन्नाथ कच्छावा की छतरी का निर्माण शाहजहां ने करवाया।

7. कुत्ते की छतरी

कुकुराज की घाटी, सवाई माधोपुर

8. जोधपुर की छतरियाँ

  • पंचकुण्ड (मण्डोर)
  • गोरा धाय की
  • सेनापति की
  • ब्राह्मण देवता की छतरी

9. कागा की छतरियाँ

मंडोर, जोधपुर। ये राजपरिवार के सदस्यों की छतरियाँ हैं जहाँ ऋषि काग भुशुंडी ने तपस्या की।

10. मामा-भांजा (धन्ना-भींवा) की छतरी

मण्डोर, जोधपुर। अजीतसिंह ने लोहापोल के पास 10 खम्भों की छतरी का निर्माण करवाया।

11. कीरतसिंह सोढा की छतरी

इसका निर्माण राजा मानसिंह ने करवाया।

12. सेनापति इन्द्रराज सिंधी की छतरी

जोधपुर। महाराजा मानसिंह के सेनापति की छतरी।

13. थानेदार नाथूसिंह की छतरी

शाहबाद, बाँरा। 1932 में कोटा के महाराजा उम्मेदसिंह ने इसका निर्माण करवाया।

14. नैडा की छतरी

सरिस्का, अलवर। ये छतरियाँ दशावतार के चित्रण के लिए प्रसिद्ध हैं।

15. 8 खम्भों की छतरी

बोडोली, उदयपुर। केजड़ बाँध पर स्थित। प्रताप की इस छतरी का निर्माण अमरसिंह ने करवाया।

16. नाथो की छतरी

नागौर

17. 8 खम्भों की छतरी

माण्डलगढ़, भीलवाड़ा। राणा सांगा की छतरी।

18. कपूर बाबा फकीर की छतरी

जगमंदिर के पास, उदयपुर। जिसका निर्माण शाहजहां ने करवाया।

19. अमरगढ़ की छतरियाँ

बागौर, भीलवाड़ा

20. प्रधानमंत्री की छतरी

जोधपुर। 18 खम्भों की लाल पत्थर से निर्मित इस छतरी का निर्माण जसवंत सिंह प्रथम ने करवाया। ये उनके प्रधानमंत्री राजसिंह कुम्पावत की है जिन्होंने उनके लिए अपने प्राणों का बलिदान किया था।

21. 20 खम्भों की सिंघवी की छतरियाँ

जोधपुर। महाराजा भीमसिंह ने सेनापति अखैराज सिंघवी की छतरी का निर्माण करवाया। ये छतरियाँ नक्काशी हेतु प्रसिद्ध हैं।

22. अहाड़ा हिंगोला व जैसलमेर रानी की छतरी

जोधपुर

23. हनुमान जी की छतरी

शिकार बुर्ज, बूंदी। महाराज उम्मेदसिंह द्वारा निर्मित।

24. नटनी की छतरी

करौली

25. महाराव बैरिसाल की छतरी

सिरोही

26. 8 खम्भों की छतरी

टकड़तों की छतरी, चूरू

27. झाला मन्ना की छतरी

रक्ततलाई, राजसमंद

28. आहड़ की छतरियाँ

  • महासतियों की (आहड़)
  • उदयसिंह (गोगुन्दा)
  • अमरसिंह (आहड़)

29. रणथम्भौर की 32 खम्भों की छतरी

इसका निर्माण हम्मीर ने अपने पिता जैत सिंह के 32 वर्षों के शासन की स्मृति में करवाया था। यह 50 फीट ऊँची है, जिस पर बैठकर हम्मीर न्याय करता था, अतः इसे न्याय की छतरी भी कहा जाता है। इसके पास में अधूरी छतरी है, जिसे राणा सांगा की पत्नी कर्मावती ने बनवाना शुरू किया, लेकिन अचानक किले से चले जाने के कारण छतरी अधूरी रह गई, अतः इसे अधूरा स्वप्न भी कहा जाता है।

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