राजस्थान के संगीत घराने
लोक संगीत
तिथि, उत्पति निश्चित न हो।
शास्त्रीय संगीत
उत्पति में पर्याप्त ज्ञान हो। शास्त्रीय गायन की दो शैलियां:
(अ) ध्रुपद गायन
ध्रुपद सामावेद का संगीत। तानसेन /ग्वालियर निवासी /ग्वालियर के संगीत प्रेमी शासक मानसिंह (1486-1517) द्वारा स्थापित संगीत विद्यालय में संगीत की शिक्षा ली।
राजस्थान में ध्रुपद गायकी विकसित करने का श्रेय जयपुर के शासक सवाई जयसिंह द्वितीय के दरबारी गायक बैराम खाँ डागर को है। बैराम खा डागर द्वारा विकसित ध्रुपद गायकी को डागर घराना कहा जाता है। अकबर के समय ध्रुपद की 4 शैलियॉ प्रसिद्ध हुई:
1. गौरहारी
प्रवर्तक - तानसेन। उत्पति ग्वालियर से।
2. खण्डार
प्रवर्तक - सम्मोखनसिंह। उत्पति - उणियारा(टोंक) से।
3. डागुर
प्रवर्तक - ब्रजनंद डागर।
4. नोहर
प्रवर्तक - श्रीचंद। उत्पति - नोहर(हनुमानगढ)।
(ब) ख्याल गायकी
1. जयपुर घराना
ख्याल गायन शैली के इस घराने के प्रवर्तक - भूपत खां मनरंग। जयपुर शासक सवाई राम सिंह द्वितीय के दरबारी संगीतकार मोहम्मद अली खां जयपुर घराने के प्रसिद्ध गायक थे।
2. मेवाती घराना
प्रवर्तक - जोधपुर शासक जसवंत सिंह प्रथम के दरबारी गायक घग्घे नजीर खां थे। वर्तमान में पंडित जसराज व मणिराम प्रसिद्ध।
3. पटियाला घराना
जयपुर घराने की उपशाखा। प्रवर्तक अली बख्श् व फतह अली थे। शुरूआत टोंक के नवाब इब्राहिम खां के दरबार से की किंतु बाद में वे पटियाला शासक के संरक्षण में।
4. जयपुर का सेनिया घराना
प्रवर्तक - तानसेन के पुत्र सुरतसेन। सेनिया घराने के गायक गौहरवाणी व खण्डारवाणी में सिद्धहस्त थे।
5. जयपुर का कत्थक घराना
जयपुर घराना कत्थक नृत्य शैली का आदिम घराना माना जाता है। राजस्थान का पहले सांवल दास का घराना प्रसिद्ध था।
जयपुर घराने के प्रथम प्रवर्तक - भानू जी। वीर, रौद्र व शान्त रसों का मुख्य रूप से प्रदर्शन जयपुर कत्थक शैली की मुख्य विशेषता। मांगलिक अवसर पर परम्परा होने के कारण इसे मंगलमुखी नृत्य भी कहा जाता है।
प्रमुख वाद्य - तबला, पखावज। सुजानगढ(चूरू) कत्थक नृत्य की जन्म स्थली मानी जाती है। प्रमुख कलाकार - बिरजू महाराज, प्रेरणा श्री माली, श्री दुर्गा लाल, बाबूलाल आदि।
6. जयपुर का बीनकार घराना
प्रवर्तक - रज्जब अली। सवाई रामसिंह द्वितीय के दरबार के प्रसिद्ध।
7. रंगीला घराना
प्रवर्तक - रमजान खॉ ‘‘मियॉ रंगीले‘‘।
8. डागर घराना
रामसिंह द्वितीय के दरबारी बहराम खॉ डागर द्वारा इस घराने की स्थापना। इस घराने का आदि पुरूष बाबा गोपाल दास/ इमाम बक्श को माना जाता है। डागर परिवार के प्रथम ध्रुपद गायक गिरधर नाथ पाण्डे थे।
9. किराना घराना
प्रवर्तक - बन्दे अली खॉ जो प्रसिद्ध बीनकार थे।