✦ Major Ponds of Rajasthan
शुक्र तालाब - नागौर:
- यह राजस्थान के नागौर जिले में स्थित एक प्रसिद्ध तालाब है। राजस्थान में इस प्रकार के तालाब ऐतिहासिक और सांस्कृतिक महत्व रखते हैं। ये आसपास के समुदायों के लिए महत्वपूर्ण जल स्रोत होते हैं और स्थानीय त्योहारों और रीति-रिवाजों में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं।
पद्मला तालाब - रणथम्भोर:
- यह तालाब रणथम्भोर क्षेत्र में स्थित है, जो रणथम्भोर नेशनल पार्क से जुड़ा हो सकता है। इस क्षेत्र के जलाशय वन्यजीवों के लिए अत्यधिक महत्वपूर्ण होते हैं, क्योंकि ये जलीय प्रजातियों के लिए आवास और बड़े जानवरों, जैसे बाघों, के लिए पीने के पानी का स्रोत प्रदान करते हैं।
दूध तलाई - उदयपुर:
- दूध तलाई उदयपुर, राजस्थान में पिचोला झील के पास स्थित एक छोटा सा तालाब है। यह अपने प्राकृतिक सौंदर्य और आसपास के उद्यानों के लिए प्रसिद्ध है। यहाँ स्थित दूध तलाई म्यूजिकल गार्डन से शहर और झीलों का मनोरम दृश्य दिखाई देता है, जो इसे पर्यटकों के लिए आकर्षक स्थल बनाता है।
मोर कुण्ड - नादौती (करौली):
- मोर कुण्ड एक जलाशय है जो नादौती, करौली जिले के एक कस्बे में स्थित है। राजस्थान जैसे क्षेत्रों में जलाशय सिंचाई, पीने के पानी, और कभी-कभी धार्मिक उद्देश्यों के लिए उपयोग किए जाते हैं। ये जल स्रोत उन क्षेत्रों में अत्यंत आवश्यक होते हैं, जहां जल की कमी होती है।
बाटडू का कुआ - बाटाडू (बायतु, बाड़मेर):
- यह कुआँ बाटाडू गांव में बायतु क्षेत्र, बाड़मेर जिले में स्थित है। यह आधुनिक पत्थर से निर्मित संगमरमर की वास्तुकला का एक उत्कृष्ट उदाहरण है। इसे "रेगिस्तान का जलमहल" कहा जाता है। इसका निर्माण रावल गुलाब सिंह ने करवाया था। रेगिस्तान में इस प्रकार के कुएँ जीवनरेखा होते हैं, जो शुष्क क्षेत्रों में आवश्यक जल आपूर्ति प्रदान करते हैं।
चाॅदन नलकूप - चाॅदन (जैसलमेर):
- चाॅदन गांव, जैसलमेर में स्थित इस नलकूप को "थार का घड़ा" कहा जाता है, क्योंकि यह थार रेगिस्तान के कठिन वातावरण में जल प्रदान करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है। ऐसे नलकूप इन क्षेत्रों में भूजल तक पहुंचने के लिए अत्यधिक आवश्यक होते हैं, जो पीने और सिंचाई के लिए जल प्रदान करते हैं।
भोपन का कुआ - कैथून (कोटा):
- यह कुआं कैथून, कोटा जिले के एक गांव में स्थित है। राजस्थान के ग्रामीण क्षेत्रों में इस प्रकार के कुएँ घरेलू उपयोग और सिंचाई के लिए पानी प्रदान करने में ऐतिहासिक रूप से महत्वपूर्ण होते हैं।
रामसर - जूनागढ (बिकानेर):
- रामसर संभवतः बीकानेर जिले के जूनागढ़ क्षेत्र में स्थित एक जलाशय या आर्द्रभूमि है। इस प्रकार की आर्द्रभूमि जैव विविधता को बनाए रखने, विभिन्न प्रकार की पक्षी और पशु प्रजातियों के लिए आवास प्रदान करने, और स्थानीय कृषि का समर्थन करने के लिए अत्यधिक महत्वपूर्ण होती है।
ये जल स्रोत और कुएँ राजस्थान के शुष्क और अर्ध-शुष्क जलवायु में अत्यंत महत्वपूर्ण होते हैं, जो स्थानीय समुदायों के लिए आवश्यक संसाधन के रूप में काम करते हैं और राज्य की संस्कृति, इतिहास और पारिस्थितिकी में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं।